यह जो आप पढ रहे हैं यह लाइन सबसे अंत में लिखी गई है पहले हमें लगा इसे कोई श्रृंखला जैसा कोई नाम दे दें । फिर उसी चीज के एक दो तीन पढते पढते होने वाली ऊब के याद आने की वजह से एक शीर्षक दे दिया ।
शीर्षक पर न जाऍं क्योंकि आपको पता ही है कि शीर्षक और पोस्ट का संबंध होना ब्लॉगिंग के फैशन के खिलाफ है
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अब वह पढें जो हमने शुरु में लिखा :
सुबह-सुबह कोयल इसलिए नहीं कूक रही थी कि वह मुझे या आपको देखकर प्रसन्न हो रही थी। इसलिए भी नहीं कि वह पीछे के ब्लॉक में शराबी पति के ऊपर चीख-चीख कर चीखने, बर्तन फेंकने और चीख कर ही गाने वाली महिला को चिढा रही थी । किसी को कोयल का कूकना अच्छा लगे या खराब यह कोयल की समस्या नहीं है । कोयल आलसी नहीं है कि उसे तभी कोई काम करने की सूझे जब उस काम को करने की समय और सुविधा न हो । और जब समय और सुविधा हो तब वह आराम करे । कोयला का कूकना सुनना और उस पर सोचना किसी के लिए एक बकवास काम भी हो सकता है । क्योंकि इससे जीवन की कोई समस्या हल नहीं होती । फिर भी बकवास करने वालों, बकवास को बकवास समझने वालों या सौंदर्यबोध नाम की किसी चीज के होने का हवाला देने वालों को कोयल यह भी नहीं कहेगी कि वह इन्हें कौओं के घोंसले का तिनका भी नहीं समझती ।
शीर्षक पर न जाऍं क्योंकि आपको पता ही है कि शीर्षक और पोस्ट का संबंध होना ब्लॉगिंग के फैशन के खिलाफ है
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अब वह पढें जो हमने शुरु में लिखा :
सुबह-सुबह कोयल इसलिए नहीं कूक रही थी कि वह मुझे या आपको देखकर प्रसन्न हो रही थी। इसलिए भी नहीं कि वह पीछे के ब्लॉक में शराबी पति के ऊपर चीख-चीख कर चीखने, बर्तन फेंकने और चीख कर ही गाने वाली महिला को चिढा रही थी । किसी को कोयल का कूकना अच्छा लगे या खराब यह कोयल की समस्या नहीं है । कोयल आलसी नहीं है कि उसे तभी कोई काम करने की सूझे जब उस काम को करने की समय और सुविधा न हो । और जब समय और सुविधा हो तब वह आराम करे । कोयला का कूकना सुनना और उस पर सोचना किसी के लिए एक बकवास काम भी हो सकता है । क्योंकि इससे जीवन की कोई समस्या हल नहीं होती । फिर भी बकवास करने वालों, बकवास को बकवास समझने वालों या सौंदर्यबोध नाम की किसी चीज के होने का हवाला देने वालों को कोयल यह भी नहीं कहेगी कि वह इन्हें कौओं के घोंसले का तिनका भी नहीं समझती ।