January 30, 2009

घोटाले वाले कहाँ हैं आजकल !

एक दिन मुझे ख्याल आया कि हमारे देश में एक टाइम बोले तो समय ऐसा था कि घोटालों कि बाढ़ आई हुई थी घोटाले कि नदियाँ तो हमेशा बहती ही रहती हैं, लेकिन बाढ़ तो मानसून के टाइम पे ही आएगी ना तो भइया ऐसे समय में रोज़ नए-नए घोटाले होते रहते थे, मैं यह नहीं कह रहा कि अभी भी नहीं हो रहे होंगे जैसा कि सबको मालूम ही है कि सत्यम झूठम हो चुका है अब ये बताने कि मैं कोई जरूरत नहीं समझता कि कौन-कौन से घोटाले हुए और उसमें कौन-कौन घोटाला वीर शामिल थे मेरा निवेदन तो सिर्फ़ इतना है कि ये घोटाले वाले सारे भाई लोग है कहाँ उन घोटालों के मुकदमों, रुपैयों और उनमें लिप्त लोगों का क्या हुआ

कितने मुजरिमों को सजा हुई ?
उन्होंने कितने रुपयों पर हाथ साफ़ किया ?
उनका पूरा बायोडाटा, पासपोर्ट साइज़ फोटो सहित होना चाहिए
सरकार किसकी थी, न्यायाधीश कौन थे इत्यादि
कद्दावर नेता और प्रभावशाली लोग इनसे कैसे बच निकले विश्लेषणात्मक

फ़िर ख्याल आया कि यह काम और पीछे से हो सकता है अर्थात भारत के गणतंत्र होने के समय से
उससे पता चलेगा कि हमारे देश में घोटाला संस्कृति का विकास कैसे हुआ

कम से कम जनता को सिस्टमैटिक पता तो चले कि सफेदी के नीचे कितनी कालिख थी

पता नहीं ऐसी कोई साईट हो भी, यदि है तो मुझे बताने कि कृपा करें, यदि नहीं है तो होनी चाहिए
साईट का नाम रख सकते हैं -

Indianghotala.com


मित्रों, असली बात ये थी कि मैं एक शीर्षक से दीर्घकाय प्रविष्टी लिखने वाला था समय आभाव और ध्यान केद्रित हो पाने कि वजह से मुझे ये घोटाला करना पड़ा आशा है अन्य घोटालों कि तरह आप इसे भी भूल जायेंगे

धन्यवादम !


January 22, 2009

ओबामा का मतलब उम्मीद के अलावा

बराक हुसैन ओबामा संयुक्त राज्य अमेरिका के रास्त्रपति बन गए हैं और रास्त्रपति के रूप में अपना पहला भाषण भी दे चुके हैं | यह एक इतिहास है कि उनके शपथ ग्रहण में २० लाख लोग आए | पहले कभी ऐसा नहीं हुआ |
शायद ही कोई ऐसा रास्त्राअध्यक्ष होगा, जिसके पदासीन होने से पूरे विश्व में इतने ज्यादा लोगों को खुशी हुई | जाहिर है कि ओबामा लोगों कि उम्मीद की तरह आयें हैं, ऐसे समय में जब अमेरिका घोर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है |

यह सब बातें तो हैं ही, लेकिन जो एक बात मैं यहाँ करना चाहता हूँ वह ऐसे ख्याल में आई कि जब ओबामा के जीतने और रास्त्रपति बनने से मुझे भी खुशी हुई तो मैंने सोचा कि आख़िर मुझे खुशी क्यों हो रही है ? जैसे अपना ही आदमी रास्त्रपति बना हो | शायद यही एहसास हर खुश होने वाले का हो |

अपने प्रश्न का उत्तर मुझे ओबामा के भाषण के बाद मिल गया | ओबामा के भाषण में अमेरिकी दादागिरी नहीं थी | उन्होंने यह माना कि केवल सैन्य ताकत के बल पर और अकेले अमेरिका विश्व की समस्याओं को हल नहीं कर सकता | यह भी कि दुनिया के देश अकेले बिना अमेरिका के भी समस्या हल नहीं कर सकते | बात ठीक भी है |

ओबामा का अमेरिका का राष्ट्रपति बनना अमेरिकी जनता के रुख में बदलाव का संकेत हैं | यह तो समय ही बताएगा कि बराक हुसैन ओबामा आसन्न वित्तीय संकट और विदेश नीति में कहाँ तक सफल हो पाते हैं लेकिन
यह उदारवाद, सबका सम्मान कराने कि भावना और मानवतावादी शक्ति की जीत है |

निराशायें भी हैं, किंतु एक ऐसा आदमी जिस पर हमें विश्वास है कि वह अपने वक्तव्यों और प्रयासों में ईमानदार है |

January 07, 2009

लो मैं भी आ गया, नए साल के साथ !

दोस्तों ,
वर्ष 2009 ने रफ्तार पकड़ ली है. पिछले साल दिसम्बर महीने के अंतिम सप्ताह से मैंने ब्लॉग स्पॉट पर हिन्दी ब्लोगिंग शुरू की है. इस अर्थ में मैंने नए साल कि शुरआत हिन्दी ब्लोगिंग से कि . जैसे किसी चीज के अस्तित्व में आने के बाद उसका एक नाम होता है उसी तरह, ब्लॉग बनाने के बाद उसका एक शीर्षक देना होताहै. मैंने भी अपने ब्लॉग को कई शीर्षक देने की कोशिश की किन्तु कोई भी ठीक ठाक मुझे जंचा नहीं, इसलिए शीर्षक में केवल अपना नाम दे दिया है |

शुरू में मुझे हिन्दी के चिटठा जगत के बारे में जानकारी नहीं थी | गूगल में खोजने मुझे पर चिट्ठा जगत और नारद तीव्र जैसी सीटें मिली वहां पर कई स्थापित ब्लॉग वीरों के चिट्ठे पढ़ने को मिले.

ब्लॉग अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का बहुत ही अच्छा जरिया है. यदि हम मानते हैं कि हमारीसोच से हमारा और हमारे परिवेश का हित होगा तो हम अवश्य ही उन्हें व्यक्त करना चाहेंगे , क्योंकि हर मनुष्यअपने विचारों को प्रमाणीकृत करता है. इसके लिए आपको साहित्यकार या लेखक होने की जरूरत नहीं है. आप अपनी भावनाओं को सरलता से कविता या लेख के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं या अपने आसपास किघटनाओं के बारे में विचारात्मक लेख लिख सकते हैं. समाज के उन हिस्सों को प्रकाशित कर सकते हैं, जो अँधेरे में हैं और जिन पर लोगों का ध्यान कम जाता है. यदि आपमें कुछ लिखने की ख्वाहिश है मतलब आपसे यदि कुछ बाहर आना चाहता है तो लिखते लिखते आप लिखने लगेंगे . आप जितनी स्वाभाविकता से लिखेंगे उतना ही आप अच्छा लिख पाएंगे . शुरू में इस बात की परवाह करें कि कितना अच्छा लिखा जाता है, बल्कि अपनी अभिव्यक्ति को स्वाभाविकता से विकसित होने दें

नए ब्लोगर मित्रों लिए यही अच्छा है कि गूगल में हिन्दी ब्लॉग सर्च करें . वहां पर आपको कई साइट्स मिलेंगी हिन्दी ब्लॉग डायरेक्टरी और हिन्दी ब्लॉग टिप्स , चिटठा जगत, नारद , जिन पर आप अपने ब्लॉग कि प्रविष्टि करें इन सैटों पर आपका ब्लॉग आने के बाद और पका ब्लॉग हिन्दी ब्लॉग जगत में शामिल जाएगा .

हिन्दी ब्लॉग में जहाँ तक मुझे जानकारी है, शायद गूगल विज्ञापन नहीं देता ? क्योंकि मुझे संदेश आया था किहिन्दी में यह सेवा उपलब्ध नही है अब सवाल है कि क्यों नही ? क्या हिन्दी वालों को फोकट में ही लिखना है|यदि किसी मित्र को पता हो तो बताने कि कृपा करें |

इस तरह मित्रों चिटठा जगत में हमारी और आपकी मुलाकातें होती रहेंगी . और अंत में मैं चाहता कि कमेंट्स किसी भी ब्लॉग के लिए प्राणवायु कि तरह होते हैं , इसलिए आपको जहाँ भी कुछ पसंद आए या आए वहां आप कमेन्ट कराने का कष्ट जरूर उठायें

धन्यवाद् |