January 22, 2009

ओबामा का मतलब उम्मीद के अलावा

बराक हुसैन ओबामा संयुक्त राज्य अमेरिका के रास्त्रपति बन गए हैं और रास्त्रपति के रूप में अपना पहला भाषण भी दे चुके हैं | यह एक इतिहास है कि उनके शपथ ग्रहण में २० लाख लोग आए | पहले कभी ऐसा नहीं हुआ |
शायद ही कोई ऐसा रास्त्राअध्यक्ष होगा, जिसके पदासीन होने से पूरे विश्व में इतने ज्यादा लोगों को खुशी हुई | जाहिर है कि ओबामा लोगों कि उम्मीद की तरह आयें हैं, ऐसे समय में जब अमेरिका घोर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है |

यह सब बातें तो हैं ही, लेकिन जो एक बात मैं यहाँ करना चाहता हूँ वह ऐसे ख्याल में आई कि जब ओबामा के जीतने और रास्त्रपति बनने से मुझे भी खुशी हुई तो मैंने सोचा कि आख़िर मुझे खुशी क्यों हो रही है ? जैसे अपना ही आदमी रास्त्रपति बना हो | शायद यही एहसास हर खुश होने वाले का हो |

अपने प्रश्न का उत्तर मुझे ओबामा के भाषण के बाद मिल गया | ओबामा के भाषण में अमेरिकी दादागिरी नहीं थी | उन्होंने यह माना कि केवल सैन्य ताकत के बल पर और अकेले अमेरिका विश्व की समस्याओं को हल नहीं कर सकता | यह भी कि दुनिया के देश अकेले बिना अमेरिका के भी समस्या हल नहीं कर सकते | बात ठीक भी है |

ओबामा का अमेरिका का राष्ट्रपति बनना अमेरिकी जनता के रुख में बदलाव का संकेत हैं | यह तो समय ही बताएगा कि बराक हुसैन ओबामा आसन्न वित्तीय संकट और विदेश नीति में कहाँ तक सफल हो पाते हैं लेकिन
यह उदारवाद, सबका सम्मान कराने कि भावना और मानवतावादी शक्ति की जीत है |

निराशायें भी हैं, किंतु एक ऐसा आदमी जिस पर हमें विश्वास है कि वह अपने वक्तव्यों और प्रयासों में ईमानदार है |

4 comments:

  1. Bilkul sahi kaha. Obamaji se sabko bohot aashayen hain. Aage aage dekhte hain hota hai kya...

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  2. hamein bhi kafi immid hai obama se...dekhte hai dakshin asia ke liye obama kya videsh niti apnaati hai.

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  3. Lucid in style and simple in presentation. The coherency of idea is appreciable. Keep it p.

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  4. obama is a thinker pltcn n socialist so i hope obama will do some great job.

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नेकी कर दरिया में डाल