January 07, 2009

लो मैं भी आ गया, नए साल के साथ !

दोस्तों ,
वर्ष 2009 ने रफ्तार पकड़ ली है. पिछले साल दिसम्बर महीने के अंतिम सप्ताह से मैंने ब्लॉग स्पॉट पर हिन्दी ब्लोगिंग शुरू की है. इस अर्थ में मैंने नए साल कि शुरआत हिन्दी ब्लोगिंग से कि . जैसे किसी चीज के अस्तित्व में आने के बाद उसका एक नाम होता है उसी तरह, ब्लॉग बनाने के बाद उसका एक शीर्षक देना होताहै. मैंने भी अपने ब्लॉग को कई शीर्षक देने की कोशिश की किन्तु कोई भी ठीक ठाक मुझे जंचा नहीं, इसलिए शीर्षक में केवल अपना नाम दे दिया है |

शुरू में मुझे हिन्दी के चिटठा जगत के बारे में जानकारी नहीं थी | गूगल में खोजने मुझे पर चिट्ठा जगत और नारद तीव्र जैसी सीटें मिली वहां पर कई स्थापित ब्लॉग वीरों के चिट्ठे पढ़ने को मिले.

ब्लॉग अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का बहुत ही अच्छा जरिया है. यदि हम मानते हैं कि हमारीसोच से हमारा और हमारे परिवेश का हित होगा तो हम अवश्य ही उन्हें व्यक्त करना चाहेंगे , क्योंकि हर मनुष्यअपने विचारों को प्रमाणीकृत करता है. इसके लिए आपको साहित्यकार या लेखक होने की जरूरत नहीं है. आप अपनी भावनाओं को सरलता से कविता या लेख के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं या अपने आसपास किघटनाओं के बारे में विचारात्मक लेख लिख सकते हैं. समाज के उन हिस्सों को प्रकाशित कर सकते हैं, जो अँधेरे में हैं और जिन पर लोगों का ध्यान कम जाता है. यदि आपमें कुछ लिखने की ख्वाहिश है मतलब आपसे यदि कुछ बाहर आना चाहता है तो लिखते लिखते आप लिखने लगेंगे . आप जितनी स्वाभाविकता से लिखेंगे उतना ही आप अच्छा लिख पाएंगे . शुरू में इस बात की परवाह करें कि कितना अच्छा लिखा जाता है, बल्कि अपनी अभिव्यक्ति को स्वाभाविकता से विकसित होने दें

नए ब्लोगर मित्रों लिए यही अच्छा है कि गूगल में हिन्दी ब्लॉग सर्च करें . वहां पर आपको कई साइट्स मिलेंगी हिन्दी ब्लॉग डायरेक्टरी और हिन्दी ब्लॉग टिप्स , चिटठा जगत, नारद , जिन पर आप अपने ब्लॉग कि प्रविष्टि करें इन सैटों पर आपका ब्लॉग आने के बाद और पका ब्लॉग हिन्दी ब्लॉग जगत में शामिल जाएगा .

हिन्दी ब्लॉग में जहाँ तक मुझे जानकारी है, शायद गूगल विज्ञापन नहीं देता ? क्योंकि मुझे संदेश आया था किहिन्दी में यह सेवा उपलब्ध नही है अब सवाल है कि क्यों नही ? क्या हिन्दी वालों को फोकट में ही लिखना है|यदि किसी मित्र को पता हो तो बताने कि कृपा करें |

इस तरह मित्रों चिटठा जगत में हमारी और आपकी मुलाकातें होती रहेंगी . और अंत में मैं चाहता कि कमेंट्स किसी भी ब्लॉग के लिए प्राणवायु कि तरह होते हैं , इसलिए आपको जहाँ भी कुछ पसंद आए या आए वहां आप कमेन्ट कराने का कष्ट जरूर उठायें

धन्यवाद् |

1 comment:

  1. BAHUT ACCHA LAGA ARKJESH JI AAPKE VICHARO SE AVGAT HOKAR... LIKHTE RAHIYE AUR HINDI KO SHASAKT BANAANE ME APNA YOGDAAN DETE RAHIYE...

    ReplyDelete

नेकी कर दरिया में डाल