इस पोस्ट के बहाने कुछ भूली बिसरी लिंक भी रख देंगे और भूलती हुई बातों को कभी जरूरत पडने पर देखने के लिए जमा देंगे । वरना एक साल में हमने कौन सा ऐसा तीर मार लिया है, जिसका जिक्र करके गौरवान्वित हुआ जाय । ब्लॉगिंग का यही फायदा है कि बिना तीर मारे भी हम तीरंदाजी करते रह सकते हैं । जैसे हर बच्चा अपने घर का हीरो होता है, वैसे ही ब्लागर का ब्लॉग उसके लिए प्रिय होता है ।
हॉलांकि हमारे प्रोफाइल में ‘सिन्स सितंबर 2008’ पाया जायेगा | लेकिन हिन्दी में ब्लॉग लिखना हमने दिसंबर महीने से ही शुरू किया था । सितंबर में केवल ब्लॉग का शिला(Sign up) न्यास हुआ था । उस समय हमें यही नहीं पता था कि हिन्दी में भी ब्लॉगिंग की जाती है । इंटरनेट पर सबसे पहले हमने ऑरकुट पर ट्रांसलिट्रेशन से हिन्दी लिखी । फिर हिन्दी ब्लॉग खोजने पर गूगल सान्ता ने चिटठाजगत और ब्लागवाणी से परिचय कराया । बडा आश्चर्य हुआ देखकर कि हिन्दी में तो हजारों ब्लॉग हैं और हमे पता ही नहीं । हम अपनी हिन्दी की पहली पोस्ट उसे मानते हैं जिस पर हिन्दी ब्लागरों की स्वागत टिप्पणियॉं हैं । यह नए वर्ष की कविता है – नया वर्ष मंगलमय हो ! इस कविता को नव वर्ष की शुभकामना के तौर पर इस पोस्ट के अंत में भी दे रहे हैं । शुभकामनाऍं कभी पुरानी नहीं पडतीं | समय जैसा भी हो मनुष्य उम्मीद रखना चाहता है और शुभकामानाऍं देना चाहता है । क्योंकि मनुष्य कल्पना कर सकता है और चीजों को बेहतर करना चाहता है ।
इसके पहले भी हमने कुछेक पोस्ट लिखी थीं | लेकिन वह ऐसी ही थीं कि 'जंगल में मोर नाचा किसने देखा' । क्योंकि ब्लॉग संकलकों ब्लॉगवाणी और चिटठाजगत से परिचय नहीं हुआ था । वजह, हमें किसी भी एग्रीग्रेटर की जानकारी नहीं थी । तो पहले के ग्रामीण रिवाज के अनुसार जिस दिन बच्चा स्कूल में दाखिला लेता था, वही उसकी जन्म तारीख होती थी | हमारे ब्लॉग का भी आगाज उस दिन से माना जायेगा जिस दिन हमारी पोस्ट पर हिन्दी ब्लॉगरगणों ने टिप्पणियॉं दी थीं । इसी रिवाज के अनुसार गॉंव के उन छात्र/छात्राओं की जन्म तारीख ज्यादातर एक जुलाई होती थी । जिनके अभिभावक पढे लिखे नहीं होते थे । कई बार तो पढे लिखे लोग भी तारीख याद रखने का कष्ट नहीं उठाते थे । क्योंकि ऐसे अभिभावकों को यह तो याद रहता था कि जन्म पुन्न्मासी को हुआ कि अमावस को लेकिन अँग्रेजी महीने की तारीख याद नहीं रखते थे । तो मास्टरजी या तो 1 जुलाई या फिर स्वविवेक से 30-31 विकल्पों में से कोई एक डेट ऑफ बर्थ चुन लेते थे ।
हमारी ब्लॉगिंग की शुरुआत अर्न फार ब्लॉग साइट से हुई थी । इस साइट जानकारी हमें साइट की एक मेम्बर के मेल से हुई थी जो कि शायद इबीबो से उसे मिली होगी । हमारे लिए यह ब्लॉगिंग का ऑफर था, वह भी पहला ।
इसके पहले भी हमने कुछेक पोस्ट लिखी थीं | लेकिन वह ऐसी ही थीं कि 'जंगल में मोर नाचा किसने देखा' । क्योंकि ब्लॉग संकलकों ब्लॉगवाणी और चिटठाजगत से परिचय नहीं हुआ था । वजह, हमें किसी भी एग्रीग्रेटर की जानकारी नहीं थी । तो पहले के ग्रामीण रिवाज के अनुसार जिस दिन बच्चा स्कूल में दाखिला लेता था, वही उसकी जन्म तारीख होती थी | हमारे ब्लॉग का भी आगाज उस दिन से माना जायेगा जिस दिन हमारी पोस्ट पर हिन्दी ब्लॉगरगणों ने टिप्पणियॉं दी थीं । इसी रिवाज के अनुसार गॉंव के उन छात्र/छात्राओं की जन्म तारीख ज्यादातर एक जुलाई होती थी । जिनके अभिभावक पढे लिखे नहीं होते थे । कई बार तो पढे लिखे लोग भी तारीख याद रखने का कष्ट नहीं उठाते थे । क्योंकि ऐसे अभिभावकों को यह तो याद रहता था कि जन्म पुन्न्मासी को हुआ कि अमावस को लेकिन अँग्रेजी महीने की तारीख याद नहीं रखते थे । तो मास्टरजी या तो 1 जुलाई या फिर स्वविवेक से 30-31 विकल्पों में से कोई एक डेट ऑफ बर्थ चुन लेते थे ।
हमारी ब्लॉगिंग की शुरुआत अर्न फार ब्लॉग साइट से हुई थी । इस साइट जानकारी हमें साइट की एक मेम्बर के मेल से हुई थी जो कि शायद इबीबो से उसे मिली होगी । हमारे लिए यह ब्लॉगिंग का ऑफर था, वह भी पहला ।
यह वह समय था जब ओलंपिक खेल चल रहे थे ! हमने वहॉं अपनी पहली पोस्ट लिखी !
“Triumph is mirage struggle is realty” ! यह एक लघु पोस्ट थी |एक और मासूम पोस्ट जो हमने अर्न4ब्लॉग पर लिखी थी, उस ब्लॉग पर चर्चित हुई थी ; "Sisters and Brothers - Who is not innocent in the den of फोक्स" मासूम इसलिए कि साल भर बाद साल भर पहले कि लिखी पोस्टें मासूम लगाने लगाती हैं !
हम नौसिखिया थे और अंग्रेजी में हमारा हाथ तंग था / है । गूगल ट्रांसलिटरेशन की जानकारी के बाद हिन्दी में पोस्ट देने लगे । फिर गूगल से खोजते हिन्दी ब्लॉगिंग का मिलना ऐसे ही था जैसे विदेश में कोई अपने देश का आदमी मिल जाय । अपने शहर में मिलने पर उससे हम भले न बोलते पर विदेश में मिलने पर लगता है जैसे कोई परम आत्मीय मिल गया हो । हॉलॉंकि अर्न करने लायक प्वाइंट पूरे होने से पहले ही हम वहॉं से टर्न फॉर ब्लॉगस्पाट हो गए थे । फिर भी हमने कई महीने वहॉं जमकर ब्लॉगिंग की । वहॉं ब्लॉग पोस्ट करने और पोस्ट पर कमेंट करने के भी अंक मिलते थे । पहले तो हमने अँग्रेजी में पोस्ट लिखे फिर जैसे ही हमें गूगल ट्रांसलिटरेशन का इल्हाम हुआ हम तुरंत हिन्दी मोड में आ गए ।
ब्लॉगर में आते ही अर्न फॉर ब्लॉग छूट गई । शुरू शुरू में यहॉ भी हमने अँग्रेजी में ट्राई किया । लेकिन जैसे ही हिन्दी बिरादरी का पता चला हम भी अपनी आवाज में चिल्लाने लगे । तदनंतर इस ब्लॉग को हमने हिन्दी ब्लॉग बना दिया और अपनी अदर्शनीय अँग्रेजी वाली जो भी 2-3 पोस्टें थीं , चुपचाप वैसे ही डिलीट कर दीं जैसे कोई बच्चा अपने काट-पीट किए हुई नोटबुक के पन्ने सफाई से फाड देता है ।
हिन्दी ब्लॉगिंग में प्रवेश करने पर हमारी दूसरी पोस्ट थी - लो हम भी आ गए नए साल के साथ । हॉलांकि हमारी सक्रियता 4-5 महीने के बाद हुई क्योंकि शुरू शुरू में हम ज्यादा ब्लॉग नहीं पढते थे ।
नव वर्ष पर मैं अपने सभी ब्लॉगर साथियों को हार्दिक शुभकामनाऍं प्रेषित करता हूँ । साथ ही ब्लॉग पर आने, पढने और अपनी अमूल्य टिप्पणी देकर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ ।
मैं अपने उन सभी ब्लॉगर मित्रों को धन्यवाद देता हूँ जो बार-बार आकर मेरे ब्लॉग के पाठक और टिप्पणीकार बने|
हिन्दी ब्लॉगिंग में प्रवेश करने पर हमारी दूसरी पोस्ट थी - लो हम भी आ गए नए साल के साथ । हॉलांकि हमारी सक्रियता 4-5 महीने के बाद हुई क्योंकि शुरू शुरू में हम ज्यादा ब्लॉग नहीं पढते थे ।
नव वर्ष पर मैं अपने सभी ब्लॉगर साथियों को हार्दिक शुभकामनाऍं प्रेषित करता हूँ । साथ ही ब्लॉग पर आने, पढने और अपनी अमूल्य टिप्पणी देकर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ ।
मैं अपने उन सभी ब्लॉगर मित्रों को धन्यवाद देता हूँ जो बार-बार आकर मेरे ब्लॉग के पाठक और टिप्पणीकार बने|
नए वर्ष में ब्लॉगिंग के लिए यही शुभकामना है कि हम गैर जरूरी बहसों में न उलझें और व्यक्तिगत आक्षेपों से बचें । यदि व्यक्तिगत आक्षेप हों भी तो कम से कम सामान्य शिष्टचार के दायरे में । ऐसा न होने पर बहस प्रयोजनहीन और तू-तू, मैं-मैं या देख लेने के स्तर तक पहुँच जाती है । हम ब्लॉगरों को कम से कम भारतीय राजनीति की अपेक्षा उच्च नैतिक स्तर बरकरार रखना चाहिए । क्योंकि कोई भी 'शब्द' उससे संबंधित व्यक्तियों के आचरण से निम्न या महान बन सकता है । जैसे नेता एक समय में बहुत ही सम्मानित और गौरवपूर्ण शब्द था । सुभाष चंद्र बोस जैसे व्यक्तित्व को हमने नेताजी का संबोधन ही दे दिया । लेकिन आज नेता शब्द में कोई महानता नहीं मालूम पडती है । बल्कि एक गाली जैसा लगता है । हर ब्लॉगर यह बात महसूस कर सकता है कि नहीं ? ‘ब्लॉगर’ शब्द को हम क्या छवि और विश्वसनीयता देते हैं यह आज के ब्लॉगर पर निर्भर करता है । कम से कम कोई भी ब्लॉगर अपने समाज के प्रति गैर जिम्मेवार तो नहीं ही कहलाना चाहेगा । अपने न्यूनतम स्तर पर गंदगी न करना भी सफाई रखना माना जाता है ।
तो प्रस्तुत है नए वर्ष की मंगलकामनाओं से ओतप्रात यह कविता जो इस ब्लॉग पर मेरी पहली ब्लॉग पोस्ट भी है ।
नव वर्ष कि प्रभात रश्मियाँ, बीते कल के तम को लीलें,
सदिच्छाओं के सुयोग , से सबका जीवन सुखमय हो, नव वर्ष कि प्रभात रश्मियाँ, बीते कल के तम को लीलें,
बीते वर्षों से कुछ सीखें , अपने में कुछ करें सुधार,
शान्ति और सद्भाव बढे अब, प्रेम और विश्वास बढे अब
ईर्ष्या-द्वेषों के घन छाँट जाएँ, नव युग का वो सूर्य उदय हो
ईर्ष्या-द्वेषों के घन छाँट जाएँ, नव युग का वो सूर्य उदय हो
प्रगति की अंधी भाग दौड़ में कहाँ जा रहें हैं हम सोचें,
उन्नति अवनति की परिभाषा अच्छा हो जो पहले तय हो, जात पांत के फेर न पड़कर इंसानों से प्यार करें हम,
सब के सुख में अपना सुख हो ऐसा अपना विश्व प्रेम हो ! नव वर्ष मंगलमय हो !
शुभकामनाएँ एवं आभार वगैरह सब ले ले रहे हैं और आपको भी बधाई और शुभकामनाएँ दिये दे रहे हैं.
ReplyDeleteयह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
वाह क्या सिंहावलोकन !(यह शब्द सिंह द्वारा पीछे मुद मुद कर देखने की आदत से उद्भूत है ) और नए विहान की उत्कृष्ट कविता ! आपसे आशायें हैंअर्कजेश !
ReplyDeleteनया साल आप और आपके परिवार के लिए असीम खुशियां ले कर आए...
ReplyDeleteजय हिंद...
नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं |
ReplyDeleteनव वर्ष पर नए की कामना नया सा तेवर ....
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ...!!
ब्लागीरी में सब की लगभग यही कहानी है...
ReplyDeleteनववर्ष पर आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ !
बहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
प्रगति की अंधी भाग दौड़ में कहाँ जा रहें हैं हम सोचें,
ReplyDeleteउन्नति अवनति की परिभाषा अच्छा हो जो पहले तय हो,
जात पांत के फेर न पड़कर इंसानों से प्यार करें हम,
सब के सुख में अपना सुख हो ऐसा अपना विश्व प्रेम हो !
बहुत खूब, लाजबाब ! नववर्ष एवं ब्लोगिंगी की साल गिरह की हार्दिक शुभकामनाये !
अच्छी पोस्ट लिखी।ब्लोग की वर्षगांठ की बधाई।निरन्तर इसी तरह लिखते रहें शुभकामनाएं।
ReplyDelete.आप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
bahut hi achchha lekh ,jise padhkar kai jaankariyon se ru-b-ru huye aur kavita ka to kahna hi kya ,
ReplyDeleteप्रगति की अंधी भाग दौड़ में कहाँ जा रहें हैं हम सोचें,
उन्नति अवनति की परिभाषा अच्छा हो जो पहले तय हो,
जात पांत के फेर न पड़कर इंसानों से प्यार करें हम,
सब के सुख में अपना सुख हो ऐसा अपना विश्व प्रेम हो !
in bhavo me khoobsurat sandesh piroye hai .
aapke tasvir me jo drishya hai behad lubhavna hai ,bahut der tak main usme doobi rahi ,ye bhi bahut kuchh kah rahi apni khamoshi me ,jise nazar andaz kar diya gaya ,saadgi avam sundarta ka bejod mel ,man ko mere sparsh kar gujar gayi .happy new year .naye varsh ka naya ahsaas ,hai kuchh khaas khaas ,ye meri rachna ki line aapko badhai ke roop me bhet karti hoon .
ReplyDelete@ समीर जी,
ReplyDeleteअरविंद मिश्र जी,
खुशदीप सहगल जी,
विवेक गुप्ता जी,
वाणी गीत जी ,
दिनेशराय द्विवेदी,
मनोज कुमार जी,
पी.सी.गोदियाल जी,
परमजीत बाली जी,
ज्योति जी,
आप सभी का धन्यवाद और नए वर्ष की शुभकामनाऍं । :))
.
ReplyDelete.
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नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं
तथा
ब्लॉग की वर्षगांठ की बहुत-बहुत बधाई!
Mubarak ho....
ReplyDeleteखुबसूरत रचना आभार
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं ................
ब्लोग की वर्षगांठ की बधाई। निरन्तर इसी तरह लिखते रहें शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
@शबनम,
ReplyDeletepsingh,
महफूज़ अली,
नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं !
बधाई हो................. ;;) स्माइली पेस्ट नहीं हो रहे.
ReplyDeletebahut sundar sadvicharon se susajjit kavita
ReplyDeleteagar duniya men sab aisa sochen to kitni achchhi ho jaye ye duniya
badhai ho
अपने न्यूनतम स्तर पर गंदगी न करना भी सफाई रखना माना जाता है । सुन्दर बात। कविता सुन्दर है।साल पूरा करने की बधाई। आगे के लिये शुभकामनायें।
ReplyDelete@ वन्दना जी
ReplyDeleteइस्मत जी
अनूप जी
आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया :|