तो लीजिए आप सभी को क्रिसमस अर्थात क्राइस्ट अर्थात एक एक ऐसे व्यक्ति के जन्म दिन की बधाई जिसने कहा था कि यदि कोई तुम्हारे एक गाल पर थप्पड मारे तो अपना दूसरा गाल भी उसके सामने कर दो (दूसरे गाल पर भी पडने के बाद क्या करना है इसका जिक्र नहीं है क्योंकि तीसरा गाल तो होता नहीं । इसलिए दूसरा झापड खाने के बाद स्वविवेक से काम लिया जाय) ।
कोई यदि तुम्हारी कमीज माँगे तो उसे अपनी कोट भी उतारकर दे दो क्योंकि हो सकता है कि वह संकोचवश कोट न मांग रहा हो और यदि कोई तुम्हे एक कोस तक सिर पर वजन रखकर पहुंचाने के लिए कहे तो तुम उसे दो कोस तक छोडकर आओ (यदि वह दो कोस तक जाने चाहे तो) ! यह बात दीगर है कि ऐसे व्यक्ति के अनुयायी लोग दो विश्व युद्ध लड चुके हैं । और एक क्रूसेड (धर्म युद्ध) इस्लाम वालों के साथ जिनके धर्म का मतलब ही है शांति |
मनुष्य कितना पाखंडी है न ! क्राइस्ट, मोहम्मद, बुद्ध, नानक, महावीर, राम , जरथुस्त्र एक तरफ और इंसान का अंधापन एक तरफ |
ईसामसीह ने कहा था कि अपने पडोसी को प्यार करो । जो बात कहने को रह गई थी वह यह कि अपने पडोसी को प्यार करो चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का अमीर या गरीब हो । प्यार करने से उनका मतलब यह था कि हम जिसे प्यार करते हैं उसे दुक्ख नहीं देना चाहते । जब दुक्ख देना नहीं चाहेंगे तो दुःख देने वाले काम नहीं करेंगे और जब दुःख देने वाले काम नहीं करेंगे तो दुक्ख का मार्केट मंदा पड के ठंडा पड जायेगा । यही मूल संदेश सभी बुद्ध पुरुषों का था । धर्म और विज्ञान दोनों अलग-अलग तरीके से तकलीफ कम करने की कोशिश करते हैं । बाकी हानि लाभ क्या हुआ यह भी एक मुददे का विषय है ।
अब ऐसा लग रहा है कि हमारी ब्लोगिंग के एक साल पूरा होने संबंधित चर्चा करने पर यह पोस्ट कॉफी दीर्घकाय हो जायेगी । और हम नहीं चाहते कि ब्लॉगर मित्र हमारी पोस्ट को बीच में ही छोडकर प्रस्थान कर जायें या आधा ऊपर आधा नीचे तीव्र वाचन करके निकल लें । क्योंकि इंटरनेट पर समय की सबसे कमी यदि किसी को है तो वह हिंदी ब्लॉगर को है । इसलिए ब्लॉंगिंग का साल पूरा होने की चर्चा को अगली पोस्ट में रखते हैं ।
मनुष्य कितना पाखंडी है न ! क्राइस्ट, मोहम्मद, बुद्ध, नानक, महावीर, राम , जरथुस्त्र एक तरफ और इंसान का अंधापन एक तरफ |
ईसामसीह ने कहा था कि अपने पडोसी को प्यार करो । जो बात कहने को रह गई थी वह यह कि अपने पडोसी को प्यार करो चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का अमीर या गरीब हो । प्यार करने से उनका मतलब यह था कि हम जिसे प्यार करते हैं उसे दुक्ख नहीं देना चाहते । जब दुक्ख देना नहीं चाहेंगे तो दुःख देने वाले काम नहीं करेंगे और जब दुःख देने वाले काम नहीं करेंगे तो दुक्ख का मार्केट मंदा पड के ठंडा पड जायेगा । यही मूल संदेश सभी बुद्ध पुरुषों का था । धर्म और विज्ञान दोनों अलग-अलग तरीके से तकलीफ कम करने की कोशिश करते हैं । बाकी हानि लाभ क्या हुआ यह भी एक मुददे का विषय है ।
अब ऐसा लग रहा है कि हमारी ब्लोगिंग के एक साल पूरा होने संबंधित चर्चा करने पर यह पोस्ट कॉफी दीर्घकाय हो जायेगी । और हम नहीं चाहते कि ब्लॉगर मित्र हमारी पोस्ट को बीच में ही छोडकर प्रस्थान कर जायें या आधा ऊपर आधा नीचे तीव्र वाचन करके निकल लें । क्योंकि इंटरनेट पर समय की सबसे कमी यदि किसी को है तो वह हिंदी ब्लॉगर को है । इसलिए ब्लॉंगिंग का साल पूरा होने की चर्चा को अगली पोस्ट में रखते हैं ।
मेरी क्रिसमस.
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी यह पोस्ट.... और एक साल पूरा होने पर बहुत बहुत बधाई.....
सबसे पहले तो एक साल पूरा होने की बहुत बहुत बधाई।...बहुत बढ़िया पोस्ट लिखी है..
ReplyDeleteआप को क्रिसमस की बधाई।
बधायी तो अभी ले लो भाई -एक साल की और क्रिसमस की -आगे की बातें आगे !
ReplyDeleteक्रिसमस एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteसादर
समीर लाल
बधाई हो आपको ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया अर्कजेश.. क्रिसमस की बधाई..
ReplyDeleteMerry Christmas arkjesh! and congrats on your blog's anniversary...nice reading you.
ReplyDelete@:)
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeletebahut hi achchha likha hai ,kuchh sikh bhi aur chhoti chhoti aham baate bhi saath me zinda dili bhi kul milakar sabkuchh behtar hai ,maza aa raha tha padhne me ,merry christmas .
ReplyDeleteसाल पूरा करने की बधाई।
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