बेहतरीन...
कहां कहां के चित्र ले आए .. रूला ही डाला !!
हां , इनके बारे में केवल कागज़ों पर सोचा जाता है, कानून बनाये जाते हैं लेकिन उन पर अमल नहीं होता.
bahut hi maarmik chitran........
इनके लिये दृढ निश्चय से कुछ करने की जरुरत है .....यही एक समाधान है !
अज कल जिन्हें श्र्म आती है वो नेता कब बनते हैं ये तस्वीरें सब कुछ बियामन कर रही हैं धन्यवाद और शुभकामनायें
aankhon mein aansoo aa gaye...........kash ! kuch ho sake inke liye bhi ..........jyada kuch nhi kah paungi......man bahut hi bhari ho gaya.
ek baar maine bhi ek article dala tha isi vishay par...........kya ye balshram nhi?.........kabhi padhiyega mere blog par.http://vandana-zindagi.blogspot.comhttp://redrose-vandana.blogspot.comhttp://ekprayas-vandana.blogspot.com
... बहुत खूब!
चित्रों से कही आपकी कहानी आज के हालात का सही चित्रण कर रही है ......
चित्र देख कर आँखें पथरा जातीं हैं...पूरी कहानी कह रहा है हर चित्र...हमें अपने को इंसान कहने पर शर्म महसूस हो रही है...नीरज
चित्रों के माध्यम से सुंदर एवं मार्मिक प्रस्तुतिकरण । बहुत-बहुत बधाई और अभिवादन ।
नेकी कर दरिया में डाल
बेहतरीन...
ReplyDeleteकहां कहां के चित्र ले आए .. रूला ही डाला !!
ReplyDeleteहां , इनके बारे में केवल कागज़ों पर सोचा जाता है, कानून बनाये जाते हैं लेकिन उन पर अमल नहीं होता.
ReplyDeletebahut hi maarmik chitran........
ReplyDeleteइनके लिये दृढ निश्चय से कुछ करने की जरुरत है .....यही एक समाधान है !
ReplyDeleteअज कल जिन्हें श्र्म आती है वो नेता कब बनते हैं ये तस्वीरें सब कुछ बियामन कर रही हैं धन्यवाद और शुभकामनायें
ReplyDeleteaankhon mein aansoo aa gaye...........kash ! kuch ho sake inke liye bhi ..........jyada kuch nhi kah paungi......man bahut hi bhari ho gaya.
ReplyDeleteek baar maine bhi ek article dala tha isi vishay par...........kya ye balshram nhi?.........kabhi padhiyega mere blog par.
ReplyDeletehttp://vandana-zindagi.blogspot.com
http://redrose-vandana.blogspot.com
http://ekprayas-vandana.blogspot.com
... बहुत खूब!
ReplyDeleteचित्रों से कही आपकी कहानी आज के हालात का सही चित्रण कर रही है ......
ReplyDeleteचित्र देख कर आँखें पथरा जातीं हैं...पूरी कहानी कह रहा है हर चित्र...हमें अपने को इंसान कहने पर शर्म महसूस हो रही है...
ReplyDeleteनीरज
चित्रों के माध्यम से सुंदर एवं मार्मिक प्रस्तुतिकरण । बहुत-बहुत बधाई और अभिवादन ।
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