1. भारत में 26 करोड़ 80 लाख निरक्षर लोग रहते हैं, जो लिखने, पढ़ने में बिल्कुल असमर्थ हैं | यह विश्व की कुलनिरक्षर जनसंख्या का तीसरा हिस्सा है |
2. भारत शिक्षा के ऊपर अपने सकल घरेलू उत्पाद (डीजीपी) उत्पाद का केवल 3.3प्रतिशत ही खर्च करता है, जबकि विकसित देश इसकी तुलना में 5.8 प्रतिशत खर्च करते हैं |
3. भारत के अधिकतर राज्यों में शिक्षा के कुल बजट का 95 प्रतिशत शिक्षकों के वेतन पर खर्च होता है, जबकि विद्यालय और अध्ययन सामग्री पर कभी-कभी 1 प्रतिशत से भी कम राशि खर्च होती है |
4 . विद्यालय जाने वाली 4 लड़कियों में से सिर्फ़ 1 ही दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी कर पाती है | बाकी 3 बीच में ही पढाई छोड़ देती हैं |
5. भारत में महिलायें औसतन 1.8 वर्ष की विद्यालयीन शिक्षा पातीं हैं |
6. सन् 2004 में स्कूल में भर्ती होने वाले 3 करोड़ 20 लाख बच्चों में से आधे भी 8 साल तक विद्यालय नहीं गए |
7. भारत में 1 करोड़ 30 लाख बालश्रमिक हैं | जिनके जीवन की कहानी उसी दिन लिख गयी थी जब वे पैदा हुए थे |
8. अनुशासन में कमी, अव्यवस्था और बदतर परिस्थितियों का आलम यह है कि 4 में से 1 अर्थात 25 प्रतिशत शिक्षक हमेशा कक्षा से अनुपस्थित रहते हैं |
9. भारत में कक्षाओं का औसत आकार 40 विद्यार्थी प्रति कक्षा है | जबकि बिहार और उत्तर भारत में औसत एक कक्षा में 83 छात्र/छात्रा तक पहुंचता है |
10. भारत के 75 प्रतिशत विद्यालयों में कई कक्षाओं के लिए सिर्फ़ एक ही शिक्षक होता है |
शिक्षा से सम्बंधित अन्य लेख :
दसवीं की बोर्ड परीक्षा का 2011 से वैकल्पिक किया जाना शिक्षा प्राणाली में परिवर्तन का प्रस्थान बिन्दु है ? मास्टर हों त दुई जन खांय ...से कोचिंग गुरुओं तक
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4 . विद्यालय जाने वाली 4 लड़कियों में से सिर्फ़ 1 ही दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी कर पाती है | बाकी 3 बीच में ही पढाई छोड़ देती हैं |
5. भारत में महिलायें औसतन 1.8 वर्ष की विद्यालयीन शिक्षा पातीं हैं |
6. सन् 2004 में स्कूल में भर्ती होने वाले 3 करोड़ 20 लाख बच्चों में से आधे भी 8 साल तक विद्यालय नहीं गए |
7. भारत में 1 करोड़ 30 लाख बालश्रमिक हैं | जिनके जीवन की कहानी उसी दिन लिख गयी थी जब वे पैदा हुए थे |
8. अनुशासन में कमी, अव्यवस्था और बदतर परिस्थितियों का आलम यह है कि 4 में से 1 अर्थात 25 प्रतिशत शिक्षक हमेशा कक्षा से अनुपस्थित रहते हैं |
9. भारत में कक्षाओं का औसत आकार 40 विद्यार्थी प्रति कक्षा है | जबकि बिहार और उत्तर भारत में औसत एक कक्षा में 83 छात्र/छात्रा तक पहुंचता है |
10. भारत के 75 प्रतिशत विद्यालयों में कई कक्षाओं के लिए सिर्फ़ एक ही शिक्षक होता है |
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बहुत तथ्यपरक आलेख.शासन ने सर्वशिक्षा अभियान तो चलाया लेकिन कार्यक्रम के क्रियान्वयन की ओर से आंखें मूद लीं.गांवों में कुल दो कमरे पांच कक्षायें और एक या दो शिक्षक. साक्षरता मिशन में "गुरुजीयों" की भरती हुई लेकिन उनकी योग्यता दरकिनार कर दी गई.....लिहाजा साक्षरता अभियान के "सुखद" परिणाम हमारे सामने हैं.
ReplyDeletevandana ji ne itni sundar baaten kahi ki uske aage kya kahoon ,yah sach hai jiski tasveer khichi hai aapne .
ReplyDeleteVandana jee ke bat se sahamat. shkshit log agar pran karen ki we ek bachche ko jaroor padhayenge to samasya kafee kuch hal ho saktee hai.
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