आधार मेरे, तुम्हारे और
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इस संसार की मौजूदगी का,
फ़िर भी शिकायत की जाती है
दूरी की
इसके अदृश्य पैमानों के द्वारा,
जो बदलते रहते हें, समय के साथ
जाने जाते हैं, अलग-अलग नामों से |
यह एक ही शब्द सबसे सरल
सबकी समझ में आने वाला
और हर प्रश्न का उत्तर ,
जैसे कोई मास्टर चाबी या
हर मर्ज की एक ही दवा |
वह एक शब्द
जो नहीं लिया गया,
गम्भीरता से व्याख्या के लिये
तत्वशात्र की, मानवीय संबंधों की
और इस अस्तित्व की |
यह रहस्यात्मक है, इसकी इकाइयां
बदलती रहती हैं समय के साथ,
पैठ करती हुई विभिन्न आयामों में |
इसीलिये तो लोग पास आकर भी दूर हो जाते हैं,
अमाप्य फ़ासलों तक
निर्मित हो जाता है एक ब्लैक होल
जो सोख लेता है
सम्बन्ध के समस्त उपायों को |
इस विश्व का आधार है
परमाणुओं, अणुओं, ग्रहों और
सितारों के बीच की दूरी,
संबंधों के बनने और बिगडने का
आधार भी है दूरी |
अलग-अलग तय सीमाओं में
दूरी के सेतु से बन्धे हुए हें हम |
जिस पर चढ्कर जाते हैं,
एक दूसरे तक |
दूरी ही जड है
सभी व्यक्तियों, समुदायों और
धर्मों के बीच झगडे का |
जीवन का विरोधाभाष है धर्म
जो जन्मतें हैं,
दूरियां मिटाने के नाम पर
सबसे ज्यादा दूरियां बढाते हुए
दिलों के बीच |
राजनीति, जो
दूरियां पैदा करने का ही
घॄणित रोजगार है,
धोने को विवश हैं, हम
इस आवश्यक बुराई को
अपने बीच कि दूरियों के कारण |
प्रेम है दूरियां मिटाने का,
सुखद दूरियां बनाये रखने का उपकरण ।
और दूरी का दर्शन समझने में है
जीवन का रह्स्य |
दूरी ही जड है
ReplyDeleteसभी व्यक्तियों, समुदायों और
धर्मों के बीच झगडे का |
जीवन का विरोधाभाष है धर्म
जो जन्मतें हैं,
दूरियां मिटाने के नाम पर
सबसे ज्यादा दूरियां बढाते हुए
दिलों के बीच |
kyaa baat hai, arkjesh jee..