श्रीलंकाई क्रिकेट खिलाड़ियों के ऊपर आतंकियों द्वारा किया गयाहमला निस्संदेह सदमे जैसा था | जिसने भी सुना बिना चौंकेनहीं रह सका | क्रिकेट न देखनेवालों के लिए भी दुःख औरआक्रोश की बात थी, फ़िर क्रिकेट प्रेमी तो थोडी दे र के लिएहताशा और गुस्से से भर गए |
लेकिन उससे ज्यादा अफसोसजनक है कि पकिस्तान में इसकाजैसा विरोध होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ | लोग इसके लिएसडकों पर नहीं उतर पाये | भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट, धर्मके बाद सबसे उत्तेजक विषय है | पाकिस्तान में क्रिकेट शायद इस्लाम के बाद सबसे लोकप्रिय है | हमले काठीक-ठीक कारण और इसकी प्रमाणिकता तो अभी रहस्य ही बनी हुई है | लेकिन यह हमला यदि इस्लाम केनाम पर है, तो हर इस्लाम को मानने वाले का फर्ज है कि इसकी खिलाफत करे | लेकिन ऐसी कौन से सिद्धांतया शिक्षाएं हैं, जो ऐसे जघन्य कृत्यों को बिल्कुल ही नकार देने से मनुष्य को रोकते हैं | यह तो सिर्फ़ एकसंयोग था कि खिलाडी सिर्फ़ घायल हुए वरना पूरी श्रीलंकाई टीम मौत के मुह से निकलकर वापस आई है | पाकिस्तान तो खैर बिना कमांडर की फौज बना ही हुआ है | वहां की सेना+आईएस आई की सरकार के साथअदृश्य समांतर सत्ता चलती है, इसीलिए बड़े से बड़े नरसंहार की निंदा भी मरहम लगाकर की जाती है | लेकिनवहां की जनता और बुद्धिजीवी वर्ग यदि जागकर, व्यापक विरोध का साहस नहीं दिखा पाये तो पाकिस्तान कोतालिबानों के हाथ में जाने से कोई नहीं बचा सकता |
यह तो जगजाहिर है ही कि हमला कराने वाले आतंकी संगठन, पाकिस्तान द्वारा भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमालकिए जाने वाले हथियार कि तरह तैयार किए गए थे | अब ये भस्मासुर कि तरह ख़ुद पाकिस्तान की शासनव्यवस्था, जम्हूरियत और यहाँ तक कि एक कौम के रूप में उसके अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं |
आतंकवाद के खूनी हाथ सेना, पुलिस और आम जनता से होता हुआ खिलाड़ियों तक पहुँच चुका है | देर-अबेरये लोग अभिनय, कला और साहित्य से जुड़े लोगों को भी बेवजह निशाना बना सकते हैं | अभी तक मुंबई केअंडरवर्ल्ड द्वारा बोलीवुड कि हस्तियों पर हमला हुआ है और धमकियाँ दी गईं हैं, वह पैसों या वर्चस्व कि लड़ाईहोती थी | उसमे दोनों पक्षों का एक-दूसरे से कुछ न कुछ सरोकार होता था, जबकि आतंकी बिल्कुल निर्दोषलोगों को मारते हैं, जिनसे उन्हें कुछ लेना-देना नहीं होता |
दिनकर जी कि पंक्तियाँ याद आती हैं -
" समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध,
जो तटस्थ रहेगा समय लिखेगा उसका भी अपराध |"
चित्र - गूगल से
लेकिन उससे ज्यादा अफसोसजनक है कि पकिस्तान में इसकाजैसा विरोध होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ | लोग इसके लिएसडकों पर नहीं उतर पाये | भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट, धर्मके बाद सबसे उत्तेजक विषय है | पाकिस्तान में क्रिकेट शायद इस्लाम के बाद सबसे लोकप्रिय है | हमले काठीक-ठीक कारण और इसकी प्रमाणिकता तो अभी रहस्य ही बनी हुई है | लेकिन यह हमला यदि इस्लाम केनाम पर है, तो हर इस्लाम को मानने वाले का फर्ज है कि इसकी खिलाफत करे | लेकिन ऐसी कौन से सिद्धांतया शिक्षाएं हैं, जो ऐसे जघन्य कृत्यों को बिल्कुल ही नकार देने से मनुष्य को रोकते हैं | यह तो सिर्फ़ एकसंयोग था कि खिलाडी सिर्फ़ घायल हुए वरना पूरी श्रीलंकाई टीम मौत के मुह से निकलकर वापस आई है | पाकिस्तान तो खैर बिना कमांडर की फौज बना ही हुआ है | वहां की सेना+आईएस आई की सरकार के साथअदृश्य समांतर सत्ता चलती है, इसीलिए बड़े से बड़े नरसंहार की निंदा भी मरहम लगाकर की जाती है | लेकिनवहां की जनता और बुद्धिजीवी वर्ग यदि जागकर, व्यापक विरोध का साहस नहीं दिखा पाये तो पाकिस्तान कोतालिबानों के हाथ में जाने से कोई नहीं बचा सकता |
यह तो जगजाहिर है ही कि हमला कराने वाले आतंकी संगठन, पाकिस्तान द्वारा भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमालकिए जाने वाले हथियार कि तरह तैयार किए गए थे | अब ये भस्मासुर कि तरह ख़ुद पाकिस्तान की शासनव्यवस्था, जम्हूरियत और यहाँ तक कि एक कौम के रूप में उसके अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं |
आतंकवाद के खूनी हाथ सेना, पुलिस और आम जनता से होता हुआ खिलाड़ियों तक पहुँच चुका है | देर-अबेरये लोग अभिनय, कला और साहित्य से जुड़े लोगों को भी बेवजह निशाना बना सकते हैं | अभी तक मुंबई केअंडरवर्ल्ड द्वारा बोलीवुड कि हस्तियों पर हमला हुआ है और धमकियाँ दी गईं हैं, वह पैसों या वर्चस्व कि लड़ाईहोती थी | उसमे दोनों पक्षों का एक-दूसरे से कुछ न कुछ सरोकार होता था, जबकि आतंकी बिल्कुल निर्दोषलोगों को मारते हैं, जिनसे उन्हें कुछ लेना-देना नहीं होता |
दिनकर जी कि पंक्तियाँ याद आती हैं -
" समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध,
जो तटस्थ रहेगा समय लिखेगा उसका भी अपराध |"
चित्र - गूगल से
सही-सही स्थिति का चित्रण किया आपने ...
ReplyDeletePakistan is a slur in the name of Democracy. majority of time, army has ruled the country. AAA, Allah, America and Army the triple a of Pakistan. It is nothing but Talibanisation of Pakistan. Today or tomorrow Pakistan will again receive a jolt and Zardari might lose his hold and Prime Ministership. Ab Bhagban bachaye Pakistan ko. Ye dukh ki bat hai ki Pakistan hamara padoshi desh hai.
ReplyDeleteGood post. Keep it up.