August 22, 2009

खासियत

मैं वह नहीं हो सकता
जो आप हैं, और आप
वह नहीं जो मैं हूँ |

आप चाहें जितना बखानें,
पर यही है, खासियत,
मेरी और आपकी |

इसे जानते हैं, तो
मानना भी चाहिए
सत्य को
पहचानना भी चाहिए |

यह खासियत है,
बड़ी से बड़ी खासियतों की
कि हम सब भिन्न हैं |
खूबियों और खामियों के साथ,
महानता और बीमारियों के साथ |

भिन्नता ही एकमात्र खासियत है,
अभिन्न अस्तित्व की |
इसका स्वीकार ही है
शान्ति का रहस्य !

5 comments:

नेकी कर दरिया में डाल