मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
महँगाई के बढने का
कचडे के ढेर की तरह रोज
घोटालों के निकलने का
मैं जिम्मेदार नहीं हूं देश में
किसी भी तरह की गडबडियों का
सचिवों मंत्रियों नौकरशाहों की नियुक्तियों का
मैं बिल्कुल जिम्मेदार नहीं हूँ
किसी के मरने का
मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं
जो जान पाऊं कि इस देश में
कब क्या हो जाएगा
न ही मैं जिम्मेदार हूँ किसी की
गैर जिम्मेदाराना हरकतों का
मैं किसी भी तरह की जिम्मेदारियों का
जिम्मेदार नहीं हूँ
मैं अपने पद पर बने रहने और
न बने रहने का भी
जिम्मेदार नहीं हूँ
मैं जिम्मदार नहीं हूँ
किसी भी तरह के घोटाले का
घोटाला करने वालों से इस्तीफा मॉंगना तो दूर
मैं घोटाले को घोटाले कहने का भी जिम्मेदार नहीं हूँ
मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
मेरी नाक के नीचे रिश्वत लेते कर्मचारियों का
मेरे संस्थान के घाटे में चलने का
या उसके ठप्प पड जाने का
मैं किसी भी गाडी के चलने या
चलते-चलते या खडे-खडे ही पलट जाने
का जिम्मेदार नहीं हूँ
मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
अस्पताल में मरीजों को दवाइयॉं खाना उपलब्ध न होने का
मरीजों को भर्ती न किए जाने या इस वजह से उनके
अस्पताल के बाहर ही दम तोड दिए जाने का
किसी भी तरह की गंदगी का
मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
सडक पर तडपते हुए आदमी की मदद न करने का
अपने पुलिसिया डंडे को काबू में न रखने का
वक्त पर थोडी अतिरिक्त फुर्ती न दिखाने और
कमजोर लोगों को इंसान न समझने का भी
मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
मैं जिम्मेदार नहीं हूँ हिन्दी ब्लॉगिंग में
विज्ञान शोध तकनीकी लेखन की कमी का
चिकित्सा संबंधी ब्लॉगों का
इस तरह के साझा प्रयासों के न होने का
मैं इस देश की सरकार चुनने का भी
जिम्मेदार नहीं हूँ
न ही अपराधियों, व्यापारियों, नौंटंकीबाजों
को जिताकर संसद में भेजने का
मैं अपने घर की सामने वाली सडक से लेकर
इस देश में फैली हुई
किसी भी तरह की गंदगी का जिम्मेदार नहीं हूँ
मैं प्रधनमंत्री हूँ पुलिस वाला
रेलमंत्री या डॉक्टर इंजीनियर टेक्नोक्रेट हूँ
मै आम आदमी हूँ
मैं वह सब हूँ जिसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
इसीलिए मैं उन सब बातों को लिखने का जिम्मेदार नहीं हूँ
जिनका मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
इतनी जिम्मेदारी आ गयी आम आदमी के कन्धों पर कि अपने से हटायें तो कहाँ रखें?
ReplyDeleteकमाल की ग़ैर ज़िम्मेदाराना कविता है भाई. बढिया है.
ReplyDeleteक्या बात है !
ReplyDeleteबहुत उद्देश्यपूर्ण है ये ग़ैर ज़िम्म्दारी :)
कितनी जिम्मेदारी से कविता लिखी है आपने फिर भिओ कहते हैं...हम जिम्मेदार नहीं हैं....ऐसे कैसे चलेगा सर....ये तो मनमोहनी मज़बूरी है....वैसे अब मज़बूरी का नाम गाँधी नहीं..बल्किं......''मज़बूरी का नाम मनमोहन सिंह'' हो गया है...
ReplyDeleteविचारोत्तेजक। जिम्मेदारी का एहसास दिलाती कविता।
ReplyDeleteमैं प्रधनमंत्री हूँ पुलिस वाला
ReplyDeleteरेलमंत्री या डॉक्टर इंजीनियर टेक्नोक्रेट हूँ
मै आम आदमी हूँ
मैं वह सब हूँ जिसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
Kya khoob kahee!
Awesome! Superb! बहुत ही अच्छी कविता है! अब पता चला क्यों मुझे लोग जिम्मेदार बनाना चाहते हैं.
ReplyDelete"मैं वह सब हूँ जिसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूँ"
ReplyDeleteThik kaha. Kavita sharminda karti hai.
मैं जिम्मेदार नहीं हूँ
ReplyDeleteमहँगाई के बढने का
कचडे के ढेर की तरह रोज
घोटालों के निकलने का
मैं जिम्मेदार नहीं हूं देश में
किसी भी तरह की गडबडियों का
सचिवों मंत्रियों नौकरशाहों की नियुक्तियों का
मैं बिल्कुल जिम्मेदार नहीं हूँ
किसी के मरने का
ati sundar ,aapko holi parv ki bahut bahut badhai ..
बहुत ही सटीक
ReplyDeleteफिर क्या करेंगे आप,भाड़ झोकेंगे ?
ReplyDeleteज़ोर से तमचियाये हो,पर लगेगा किसे ?
सत्ता में बैठे जो लोग अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
ReplyDeleteबेहतरीन लिखा है, अच्छे शब्द लेख में बिल्कुल सही कहा/बताया है
ReplyDeleteसटीक सामयिक व्यंग. बहुत अच्छा लिखा है.
ReplyDeletebadi jimmedari se iss topic ko aakaar diya hai aapne.
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteविचारोत्तेजक। जिम्मेदारी का एहसास दिलाती कविता।
ReplyDeletevisiter:-Rajput status
yeah dil ko chune vali kavita hai thanks for sharaing it
ReplyDeletevisiter Click Here