आज एक रि-पीट करने का मन है।
ब्लॉगिंग की भाषा में जिसे रिठेल कहा जाता है। यदि ब्लॉगिंग में पहली बार पोस्ट प्रकाशित करने के कृत्य को पोस्ट पीटना कहा जाए तो दुबारा उसी पोस्ट को उसी ब्लॉग पर प्रकाशित करने पर उसे रि-पीट कहा जा सकता है। इस तरह यह शब्द हिंदी और अँग्रेजी दोनों में समझने पर सही अर्थ प्रदान करता है। उसी प्रकार ठेल और रिठेल शब्द का प्रयोग भी तदनुसार ब्लॉगर जन करते हुए पाए जाते हैं। ज्यादातर बलॉगर पोस्ट ठेलते हैं। जैसे किसी नदी में कुछ ठेल दो। ठेल दिए गंगा जी में। पहुँच गई पोस्ट इंटरनेट के महासागर में। अंतर बस इतना है कि इधर रिठेल भी कर सकते हैं। नदी में किसी चीज की सिर्फ ठेल हो सकती है, रिठेल नहीं। यहॉं ठेल करने से रिठेल करने में सुविधा रहती है।
ब्लॉगिंग की भाषा में जिसे रिठेल कहा जाता है। यदि ब्लॉगिंग में पहली बार पोस्ट प्रकाशित करने के कृत्य को पोस्ट पीटना कहा जाए तो दुबारा उसी पोस्ट को उसी ब्लॉग पर प्रकाशित करने पर उसे रि-पीट कहा जा सकता है। इस तरह यह शब्द हिंदी और अँग्रेजी दोनों में समझने पर सही अर्थ प्रदान करता है। उसी प्रकार ठेल और रिठेल शब्द का प्रयोग भी तदनुसार ब्लॉगर जन करते हुए पाए जाते हैं। ज्यादातर बलॉगर पोस्ट ठेलते हैं। जैसे किसी नदी में कुछ ठेल दो। ठेल दिए गंगा जी में। पहुँच गई पोस्ट इंटरनेट के महासागर में। अंतर बस इतना है कि इधर रिठेल भी कर सकते हैं। नदी में किसी चीज की सिर्फ ठेल हो सकती है, रिठेल नहीं। यहॉं ठेल करने से रिठेल करने में सुविधा रहती है।