उमस का मौसम है। तेज गर्मी और नाम भर की बारिश के बाद ऐसा होता है। बारिश के बाद तेज धूप निकलने पर भी। जब हवा न बह रही हो तब उमस का प्रभाव सार्वाधिक होता है। चिपचिपा पसीना निकलता रहता है। उमस में एक बेचैनी होती है। ओशो की एक कविता पढी थी कभी केवल शीर्षक याद है 'उमस बहुत है, चलो आँधियॉं लाऍं'। कविता अच्छी थी। कविता के निहितार्थ व्यापक थे। वहॉं उमस यथास्थिति और ऑंधियॉं परिवर्तन की प्रतीक थीं।
जब बात करने के लिए कुछ नहीं होता तो लोग मौसम की चर्चा करने लगते हैं। तब ऋतु चाहे जैसी हो उनके बीच उमस का मौसम होता है। ऐसे में यह कहना मुश्किल हो जाता है कि हम उमस होने की वजह से मौसम की चर्चा कर रहे हैं या बात करने के लिए कुछ न होने की वजह से उमस की चर्चा कर रहे हैं।
जब बात करने के लिए कुछ नहीं होता तो लोग मौसम की चर्चा करने लगते हैं। तब ऋतु चाहे जैसी हो उनके बीच उमस का मौसम होता है। ऐसे में यह कहना मुश्किल हो जाता है कि हम उमस होने की वजह से मौसम की चर्चा कर रहे हैं या बात करने के लिए कुछ न होने की वजह से उमस की चर्चा कर रहे हैं।